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मेरी अर्थी – मेरी चाहत

Lahar
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सजाओ महफ़िल दुनिया वालो ,

अर्थी मेरी आज उठने वाली है |


इस राह पें न बरसाओ पानी यें बादल

मेरी अर्थी इसी राह से जाने वाली है |


सजाओ महफ़िल दुनिया वालो ,

अर्थी मेरी आज उठने वाली है |


मत रो ए  साकी  ,

वरना डूब जायेगा यें मैखाना |


सुखा दिए है मैंने अपनी आँखों के आंसू ,

साकी तू इन्हें फिर से ना भिगोना |


ना चमका तु बिजलियाँ  यें बादल ,

सुना है गैरों से  !

मेरी अर्थी पर फूल वो भी चढाने वाली है |


सजाओ महफ़िल दुनिया वालो ,

अर्थी मेरी आज उठने वाली है |


ना खेल हवाओं से ए बादल ,

वो तेरे शोर से डरने वाली है |


ठहर भी जा अब ए बादल ,

मेरी अर्थी को देखने वो भी आने वाली है |


सजाओ महफ़िल दुनिया वालो ,

अर्थी मेरी आज उठने वाली है |



तु क्यों रोती है साकी ,

दुनिया तो एक मैखाना है |


जहाँ हर कोई बस एक दीवाना है ,

ना कर प्यार तु कभी !

प्यार तो बस एक अफसाना है |


सजाओ महफ़िल दुनिया वालो ,

अर्थी मेरी आज उठने वाली है |


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